आरजीएच में नियोजित फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार

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बजाज फाइनेंस से 13 लाख के फर्जीवाड़ा से हुआ खुलासा
डॉ रमेश झा के नाम पर पद्मनाभ डायलेसिस यूनिट संभाल रहा था
14 साल में कई बार पकड़ाने के बावजूद आरोपी ने फर्जीवाडा छोड़ा नहीं

राउरकेला : राउरकेला सरकारी अस्पताल, आर जी एच में सात माह से डायलेसिस यूनिट संभाल रहा डॉक्टर रमेश चंद्र झा फर्जी निकला. रमेश चंद्र झा के नाम प्रेक्टिस करने वाला पद्मनाभ फर्जी दस्तावेज से लोगों के जीवन से खिलावाड कर रहा था, बाज़ाज फाइनेंस से 13 लाख के लोन लेने के बाद पड़ताल में वह पकड़ा गया और रघुनाथ पाली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा.बज़ाज फाइनेंस की ओर से दायर शिकायत के अनुसार फर्जी दस्तावेज जमा कर बजाज फाइनेंस कंपनी से 13 लाख रुपये ऋण लेने के मामले में बंडामुंडा निवासी फर्जी चिकित्सक पद्मनाभ मुखी करुआ को आर जी एच से रघुनाथपाली पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया। पद्मनाभ के द्वारा अपना परिचय डा. रमेश चंद्र झा बताकर राही केयर आउट सोर्सिंग संस्था की मदद से आर जी एच में दिसम्बर में नौकरी शुरू की और कुछ दिन पहले फाइनेंस कंपनी से ऋण के लिए आवेदन किया था। 13 जून को फाइनेंस कंपनी के द्वारा उसके एकाउंट में 13 लाख रुपये भेजा गया। संदेह होने पर जांच की गई तब फर्जीवाड़ा का पता चला। पद्मनाभ मुखी फर्जी दस्तावेज पर बंडामुंडा रेलवे अस्पताल, हाइटेक अस्पताल, हाथीबाड़ी नुआ गांव अस्पताल में भी काम कर चुका है। पकड़े जाने पर उसे नौकरी से हटाया गया था। उसके खिलाफ विजिलेंस का मामला भी दर्ज है। नुआ गांव पी एच सी से वह नकली डॉक्टर के रूप में गिरफ्तार हो चुका है. डी आई जी बृजेश कुमार राय ने फर्जी डॉक्टर पद्मनाभ की गिरफ्तारी की पुष्टि की और बताया की 14 साल से कई बार पकड़ाने के बावजूद पदम् नाभ अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहा है और लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है.


असली डाक्टर रमेश चंद्र झा का नकली दस्तावेज दिखाकर रेलवे, निजी एवं सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में नौकरी करने के बाद पकड़े जाने के बावजूद नकली डाक्टर पद्मनाभ मुखी कारुआ अपनी आदत से बाज नहीं आया। जिस डाक्टर का नकली दस्तावेज दिखाकर वह नौकरी कर रहा था वही दस्तावेज जमा कर उसने एक फाइनेंस कंपनी से ऋण के लिए आवेदन किया। फाइनेंस कंपनी ने उसे स्वीकार करने के साथ ही 13 जून को उसके खाते में 13 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। बाद में दस्तावेजों की जांच करने पर फाइनेंस कंपनी को संदेह हुआ। कंपनी के कर्मचारी जब सरकारी अस्पताल पहुंचकर डा. रमेश चंद्र झा के संबंध में जानकारी लेना चाहा तब पता चला कि यहां उस नाम के कोई डाक्टर नहीं हैं। इसके बाद फाइनेंस कंपनी के द्वारा रघुनाथपाली थाने में लिखित शिकायत की गई एवं इसके आधार पर पुलिस द्वारा पद्मनाभ को गिरफ्तार किया गया। कुछ सालपहले पद्मनाभ ने रेलवे अस्पताल बंडामुंडा में काम किया था। वहां से निकाले जाने के बाद राउरकेला हाइटेम अस्पताल में काम किया। यहां फर्जी होने का पता चलने के बाद काम से निकाला गया पर कानूनी कार्रवाई नहीं की गई। कुछ महीने तक उसने नुआगांव के अस्पताल में भी काम किया था एवं दस्तावेज जांच में फर्जी पाये जाने पर काम से निकाला गया तथा उसके खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया एवं गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

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